अबके रावण नहीं लड़ा
हँसता रहा खडा-खडा
सबसे बोला मस्त रहो
एक शब्द भी मत कहो
सभी दिखे लाचार से
हँसता रहा खडा-खडा
सबसे बोला मस्त रहो
एक शब्द भी मत कहो
सभी दिखे लाचार से
भ्रस्टाचारी मार से
महंगाई की युक्ति है
लड़ने से अब मुक्ति है
रावण सुख से सोयेगा
आम आदमी रोयेगा
किशोर पारीक' किशोर"
महंगाई की युक्ति है
लड़ने से अब मुक्ति है
रावण सुख से सोयेगा
आम आदमी रोयेगा
किशोर पारीक' किशोर"