किशोर पारीक "किशोर"

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किशोर पारीक 'किशोर' गुलाबी नगर, जयपुर के जाने माने कलमकार हैं ! किशोर पारीक 'किशोर' की काव्य चौपाल में आपका स्वागत है।



सोमवार, अक्तूबर 25, 2010

दिवाली के दोहे

दिवाली के दोहे

लक्ष्मी काकी आ जरा, दिखला अपना खेल
महलों को अब छोड़ दे, आ बस्जा खपरेल

दीपमालिका मिले, हमें बहुत ईमेल
नहीं फूल अपनत्व के, नहीं प्यार की बेल

बहियों की पूजा हुई, लुप्त कभी की यार
कम्पुटर की डिस्क पर, लेखे जो तैयार

लाखों की आतिश से, एक  दिया है श्रेष्ठ
कुछ लम्हों देता रहा, उजियारा यथेस्ट 

सूखे मेवे दे रहे, अब उनकी औकात
खील बताशों में कहाँ, अब पहले सी बात

रंगोली और मांडने, अब ना बनते मित्र
बिटिया लाई मोल से, चिपकाये कुछ चित्र

लक्ष्मी आयी चीन से, ले गणेश को  साथ
दीपोत्सव पर इस दफा, रहा कुम्हार उदास

दीपावली पर दें उन्हें, पलकों की दो बूँद
धरती माँ की गोद में, खोये आँखे मूँद

किशोर पारीक "किशोर"

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